मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के अंतर्गत दी जाती है ₹15000 की सहायता

CM KANYA SUMANGLA YOJNA: रक्षाबंधन के अवसर पर जनपद में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना का संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। कन्या सुमंगला योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा जो लाभ दिया जा रहा है, उसका माता-पिता को सदुपयोग करते हुए बेटियों के उज्जवल भविष्य के लिए खर्च करना चाहिए। माता-पिता बेटे और बेटियों में फर्क न समझे, आज जितनी भी परीक्षाएं होती हैं सबसे आगे बच्चियां ही रहती हैं। बच्चियां शक्ति का प्रतीक है और शक्तिपीठ कहा जाता है।

बालिकाओं द्वारा जनप्रतिनिधि एवं अधिकारीगण को राखी बांधकर रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया गया। उपहार स्वरुप बालिकाओं को मिठाई के डिब्बे, चॉकलेट एवं डेमो चौक वितरित किए गए।

बच्चियों को उपहार देकर किया गया सम्मानित

रक्षाबंधन के शुभ अवसर पर जनपद में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री के संवाद कार्यक्रम के उपरान्त बालिकाओं द्वारा जनप्रतिनिधि भाजपा जिलाध्यक्ष, भाजपा जिला महामंत्री, जिलाधिकारी, अपर जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी एवं जिला प्रोबेशन अधिकारी को राखी बांधकर रक्षाबंधन का त्यौहार भी मनाया गया।

उपहार स्वरुप 15 बालिकाओं (आलिया, अरीबा, प्रतीक्षा पाल, आयजा, सारा खातून, मरयम निशा, तनु सैनी, यामी जैन, इंजिला जनम, नन्दनी, नाबिला, हरप्रतीत, तुबा महनाज, आराध्या यादव एवं वर्षा यादव) को मिठाई के डिब्बे, चॉकलेट एवं डेमो चौक वितरित करते हुए सम्मानित किया गया।

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सरकार द्वारा महिलाओं के लिए चलाई जा रही योजनाएं

जिलाधिकारी द्वारा योजना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि बालिकाओं और महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा के साथ-साथ विकास के नए अवसर प्रदान करने के लिए इस योजना की शुरुआत की गयी है। इससे बेटियों को उच्च शिक्षा और रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। उत्तर प्रदेश सरकार और भारत सरकार महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए अनेक कार्यक्रम चला रही है। मातृशक्ति आर्थिक, शैक्षिक और मानसिक रूप से आगे बढ़ें और समाज को नई दिशा दिखाएं।

बच्चियों के पैदा होने के बाद उन्हें पर्याप्त स्थान, उचित सम्मान दें और किसी भी बच्ची के साथ भेदभाव ना हो। उन्होंने माता-पिता से अनुरोध करते हुए कहा कि बच्चियों को समय से टीके लगवाए और किसी भी प्रकार का भेदभाव ना करें।

जिलाधिकारी ने किया बच्चों के साथ संवाद

जिलाधिकारी द्वारा सभी बालिकाओं से संवाद भी किया गया। जिसमें बालिका कु इंजिला नजम (तीरंदाजी की खिलाड़ी) द्वारा बताया गया कि यह महत्वाकांशी योजना है। इस योजना से काफी मदद मिली। इस योजतना के माध्यम से न सिर्फ हमारा कैरियर संवर रहा है, बल्कि इसके माध्यम से हम अपने लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। जिसके लिए मैं मुख्यमंत्री जी को हृदय से बधाई देती हूं।

इसके अतिरिक्त बालिका द्वारा स्वंय गोल्ड मेंडल प्राप्त करने के साथ-साथ अपनी उपलब्धियों के बारे में भी बताया गया। जिस पर जिलाधिकारी ने छात्रा को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि आप अपनी शिक्षा के साथ-साथ अपने खेल पर भी ध्यान दें और प्रैक्टिस करते रहे। आपको पर्याप्त आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।

जन्म से लेकर उच्च शिक्षा तक ₹15000 की सहायता

जिला अध्यक्ष भाजपा ऋषि पाल नागर ने रक्षाबंधन की शुभकामनाएं दी और कहा कि सरकार महिलाओं को पूर्ण सम्मान, सुरक्षित माहौल दे रही है ताकि महिलाएं आगे बढ़ सके। सरकार के प्रयास से अब प्रत्येक परिवार की मालिक महिला है और सरकार स्वयं सहायता समूह के माध्यम से महिलाओं को स्वावलंबी बना रही है। सरकार द्वारा अनाथ बच्चों की जिम्मेदारी ली गई है।

मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत बेटी के जन्म से लेकर उसकी उच्च शिक्षा तक 15 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती है। बेटियों के स्वास्थ्य एवं शिक्षा के स्तर में वृद्धि करने व उनके भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना का शुभारंभ किया गया है। इससे महिलाओं के प्रति सोच में सकारात्मक परिवर्तन दिखाई देगा एवं उनके प्रति सम्मान का भाव जागृत होगा।

कुल छह किस्तों में इस तरह दिए जाते हैं ₹15000

मुख्य विकास अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा कि कन्या सुमंगला योजना के अंतर्गत बालिका के जन्म होने पर प्रथम किस्त के रुप में 2000 रुपये, एक वर्ष तक के पूर्ण टीकाकरण पर दूसरी किस्त के रुप में 1000 रुपये, कक्षा एक में प्रवेश लेने पर तीसरी किस्त के रुप में 2000 रुपये, कक्षा 6 में प्रवेश लेने के बाद चौथी किस्त के रुप में 2000 रुपये, कक्षा 9 में प्रवेश के बाद पांचवी किस्त के रुप में 3000 रुपये एवं 10वीं या 12वीं कक्षा में उत्तीर्ण करके स्नातक या फिर 2 साल से अधिक अवधि के डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश पर छठी किस्त के रुप में 5000 रुपये यानी कुल 15000 रूपए दिए जाने का प्रावधान है।

कोविड के उपरांत जिन बच्चों के माता-पिता का स्वर्गवास हो गया है, सरकार उन्हें ₹4000 प्रति माह दे रही है। उन्होंने कहा कि 1 मार्च 2020 के उपरांत किसी बच्चे के माता-पिता का सामान्य बीमारी के बाद स्वर्गवास हो गया है तो उन्हें ₹2500 की आर्थिक सहायता प्रतिमाह दी जा रही है।

 

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