HEALTH NEWS: गुरुवार को जिलाधिकारी बाल कृष्ण त्रिपाठी द्वारा जिला अस्पताल अमरोहा का औचक निरीक्षण किया गया। 8:40 पर जिलाधिकारी के पहुंचने पर चिकित्सालय के चिकित्सकों व कर्मचारियों में खलबली मच गई। जिसमें 60 प्रतिशत चिकित्सक व कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए। जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कड़ी फटकार लगाई और अनुपस्थित चिकित्सकों व कर्मचारियों का तत्काल प्रभाव से एक दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए और कार्यशैली में सुधार किए जाने की हिदायत दी।
निरीक्षण में बड़ी संख्या में चिकित्सक व कर्मचारी अनुपस्थित मिले। मुख्य चिकित्सा आधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि आज जो चिकित्सक और कर्मचारी अनुपस्थित मिले हैं, इनका तत्काल प्रभाव से वेतन रोका जाए और पूर्व में भी यदि लगातार इनके द्वारा लापरवाही की जा रही है, समय पर नहीं आते हैं और समय से पहले चले जाते हैं। अपनी सेवाएं नहीं दे रहे हैं तो देखा जाए और निलंबन व सेवा से बर्खास्त की कार्रवाई के लिए प्रस्ताव तैयार किया जाए। कहा कि चिकित्सक भगवान का रूप होता है। यदि यही अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन ईमानदारी के साथ नहीं करेंगे तो मरीजों का क्या होगा। यह बहुत ही लापरवाही है, इसमें किसी भी प्रकार का समझौता क्षम्य नहीं है।
पूरक पोषाहार उपलब्ध होना चाहिए
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने महिला वार्ड, जनरल वार्ड, डेंगू वार्ड, एनआरसी, ओपीडी, आयुष्मान भारत वार्ड, बालरोग, हड्डी रोग कक्ष सहित विभिन्न वार्डों व कक्षों का निरीक्षण किया। एनआरसी का निरीक्षण करने पर कुपोषित बच्चों में केवल 6 बच्चे एनआरसी में भर्ती होने पर जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक पर नाराजगी व्यक्त की और आरबीएसके की टीम व एमओआईसी (moic) को चेतावनी जारी करने के निर्देश दिए। कहा कि जो बच्चे लाल श्रेणी के कुपोषित हैं, कमजोर हैं, वजन कम है, उनका चिन्हाकन आरबीएसके की टीम द्वारा करा कर एनआरसी में भेजा जाए और अधिक से अधिक बच्चों को एनआरसी में भर्ती कराया जाए। उनका समुचित इलाज किया जाए, उन्हें पूरक पोषाहार उपलब्ध कराया जाए।
कुपोषित बच्चों को एनआरसी में भर्ती का जो समय 14 दिन का निर्धारित है। उस समय तक बच्चों को रखकर उनका समुचित इलाज हो, पूरक पोषाहार उपलब्ध होना चाहिए, यह विशेष ध्यान दिया जाए। इसमें किसी भी प्रकार का समझौता नहीं होना चाहिए।
दवा चिकित्सालय से ही उपलब्ध होने चाहिए
महिला वार्ड में पहुँच कर भर्ती मरीजों का हालचाल जिलाधिकारी ने लिया, पहले सुधार हुआ है या नहीं कोई दिक्कत तो नहीं है।
किसी भी मरीज को बाहर की दवा नहीं लिखी जानी चाहिए। दवा चिकित्सालय से ही उपलब्ध होने चाहिए।
निरीक्षण के दौरान दिव्यांग जनों के लिए बनाए गए।
दिव्यांगजन महिला शौचालय में ताला लगा होने पर जिलाधिकारी ने गहरी नाराजगी व्यक्त की।
कार्रवाई किए जाने की निर्देश सम्बन्धित को दिए।
बालिका उपवन के संबंध निर्देश देते हुए कहा पहली बार जो भी बच्ची जन्म ले रही हैं,
जिला अस्पताल में उनके नाम पर वृक्ष लगाकर बालिका उपवन को और सुंदर व आकर्षक बनाया जाए।
उनकी जन्म तिथि का भी अंकन किया जाए।
बर्खास्त जैसी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी
जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि सरकार के इतने संवेदनशील होने के बावजूद भी
लापरवाही की जा रही है तो कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
इस तरह के निरीक्षण लगातार होते रहेंगे, यदि डॉ व कर्मचारी अपनी कार्यशैली नहीं सुधारते हैं
तो अवश्य ही उन पर विभागीय कार्रवाई, निलंबन, सेवा से बर्खास्त जैसी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी चंद्रशेखर शुक्ल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी राजीव सिंघल,
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी व चिकित्सक मौजूद रहे।