SANVIDHAN DIVAS: अपर जिला अधिकारी ने भारतीय संविधान की उद्देशिका की शपथ दिलाई

SANVIDHAN DIVAS: संविधान दिवस के अवसर पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी भगवान शरण ने सर्वप्रथम बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की मूर्ति पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित कर संविधान दिवस की सभी उपस्थित अधिकारियों कर्मचारियों को शुभकामनाएं दी। तत्पश्चात उपस्थित अधिकारियों कर्मचारियों को भारतीय संविधान की उद्देशिका की शपथ दिलाई गई।

अपर जिलाधिकारी भगवान शरण ने भारतीय संविधान की विशेषताओं पर अपने विचार व्यक्त किए और कहा कि हमारा भारतीय संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संबिधान है। यह सबसे सरल और लचीला है साथ ही यह कठोर भी है। समय-समय पर संसद में पारित अधिनियम के द्वारा इसे आवश्यकतानुसार संशोधित किया जा सकता है।

प्रत्येक नागरिक अपने अधिकार पाने के लिए हकदार 

अभी तक भारतीय संविधान में लगभग 100 से अधिक संशोधन किए जा चुके हैं। हमारे भारतीय संविधान की सबसे प्रमुख विशेषता है कि इसमें विश्व के सर्वाधिक देशों का सहयोग लिया गया है और सभी देशों के संविधान के नियमों कानूनों से बढ़कर नियम अंतर्निहित किए गए हैं। भारतीय संविधान के द्वारा ही जातिवाद क्षेत्रवाद की भावना से अलग रहकर कार्य करने के प्रेरणा मिलती है। विभिन्न अच्छाइयों का वर्णन हमारे संविधान में किया गया है। जिससे कि समाज का सबसे कमजोर व्यक्ति भी अपने मौलिक अधिकार और कर्तव्य का पालन करते हुए अपने सभी अधिकारों को पाने के लिए हकदार है।

बाबा साहब ने कठोर परिश्रम से संविधान को दिया था अंतिम रूप

सामाजिक आर्थिक समानता का पूरी तरह से भारतीय संविधान में ध्यान दिया गया है। हमें संविधान का पालन करना चाहिए। संविधान का पालन करेंगे तो अवश्य ही हम समाज में एक अच्छे नागरिक के रूप में जीवन यापन कर सकते हैं और सरकारी सेवा में अच्छे सेवक के रूप में आप समाज मे स्थान पा सकते हैं। अपर उप जिलाधिकारी सुधीर कुमार ने भारतीय संविधान पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यह संविधान हमें ऐसे ही नहीं मिला है। इसके लिए बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने बड़े ही कठोर परिश्रम के द्वारा अनेक लड़ाइयां लड़कर इस भारतीय संविधान को अंतिम रूप दिया है। भारतीय संविधान जो हमें बाबा साहब ने दिया है उसके बताए हुए नियमों और संविधान में अन्तर्निहित बिंदुओं के अनुसार ही हमें अपनी कार्यशैली बदलनी चाहिए और अपने सेवा भाव में उसे जोड़ना चाहिए।

26 जनवरी 1950 से प्रभाव में आया संविधान 

वरिष्ठ कोषाधिकारी वीरेंद्र सिंह ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि कानून ही देश का संविधान कहलाता है।

इसे धर्म-शास्त्र, विधि-शास्त्र आदि नामों से भी जाना जाता है।

हमारा संविधान 26 नवंबर 1949 को अंगीकृत कर लिया गया था

और सम्पूर्ण भारत में इसके एक महीने बाद 26 जनवरी 1950 से प्रभाव में आया।

इसे पूर्णतः बनने में 2 साल 11 महीनें और 18 दिनों का वक़्त लगा।

इसके लिए 114 दिनों तक बहस चली।

कुल 12 अधिवेशन किए गये। अंतिम दिन 284 लोगों ने इस पर साइन किए हैं।

कार्यक्रम में यह अधिकारी रहे मौजूद

अंत में जिलाधिकारी पेशकार शैलेन्द्र ने भी भारतीय संविधान की विशेषता

और महत्व पर मुख्य बिंदुओं पर अपने विचार व्यक्त किए।

गोष्ठी के अवसर पर जिला आबकारी अधिकारी अनुराग मिश्र, जिला सूचना विज्ञान अधिकारी नलिन कौशिक,

जिला सैनिक कल्याण अधिकारी सहित अन्य संबंधित अधिकारी व कलेक्ट्रेट परिसर के समस्त

कार्यालयों का बड़ी संख्या में स्टाफ उपस्थित रहा।

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