khaskhabar.com : मंगलवार, 08 मार्च 2022 1:28 PM
जयपुर । जवाहर कला केंद्र (जेकेके) द्वारा आयोजित किए जा रहे परफॉर्मिंग आर्ट्स फेस्टिवल ‘रसरंगम’ के तृतीय दिन शाम को जेकेके के मध्यवर्ती में ‘द प्रोजेक्ट त्रिवेणी’ फ्यूजन म्यूजिकल परफॉर्मेंस ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया गया। यह फेस्टिवल 13 मार्च तक चलेगा और इसमें शास्त्रीय संगीत, वाद्य, शास्त्रीय नृत्य एवं नाट्य प्रस्तुतियां आयोजित की जा रही हैं।
मोहित गंगानी एंड ग्रुप द्वारा फ्यूजन म्यूजिकल परफॉर्मेंस- ‘द प्रोजेक्ट त्रिवेणी’ पेश की गई। यह प्रोजेक्ट एक फ्यूजन असेंबली था, जिसमें भारतीय, पश्चिमी एवं मध्य-पूर्वी ध्वनियों (पृष्ठभूमि में कथक की लय के साथ) के साथ हिंदुस्तानी शास्त्रीय धुनों को संयोजित किया गया। कलाकारों ने पश्चिमी एवं मध्य-पूर्वी के साथ भारतीय शास्त्रीय वाद्य यंत्रों (तबला, पखावज, कजोन, दरबुका आदि) और कथक के जटिल और लयबद्ध फुटवर्क को संयोजित कर विभिन्न ताल वाद्यों में अपनी प्रस्तुति दी। तालवाद्यवादकों के समूह और भावपूर्ण भारतीय शास्त्रीय स्वरों के साथ इस प्रस्तुति में भारतीय शास्त्रीय संगीत पर आधारित फ्यूजन संगीत को तीन भारतीय शास्त्रीय नृत्य रूपों – कथक, भरतनाट्यम व ओडिसी के साथ खूबसूरती के साथ प्रस्तुत किया गया।
मोहित गंगानी इस प्रस्तुति के क्यूरेटर, संगीतकार व तबला वादक थे। नर्तकियों में संजीत गंगानी (कथक), वृंदा चड्ढा (ओडिसी), राधिका कथल (भरतनाट्यम), सिमरन भगतानी (कथक), आरोही आठवले (कथक), टीना दास (कथक), रुचिका अरोड़ा (कथक) शामिल थीं। इस प्रस्तुति में विजय परिहार (गायन व हारमोनियम), आशीष गंगानी (पखावज), निशित गंगानी (तबला), मनोहर बालचंद्रन (मृदंगम), आदित्य गंगानी (चोजन और दरबुका), अश्मित देव (कीबोर्ड), मुदस्सिर खान (सारंगी) और रविंदर राजपूत (बांसुरी) का भी योगदान रहा। लाइट व साउंड योगेश धवन का रहा।
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