चेन्नई. तमिलनाडु के 21 वर्षीय सैनिकेश रविचंद्रन की कहानी बहुत दिलचस्प है. सैनिकेश कोयंबटूर के तुडालियुर कस्बे के रहने वाले हैं. वह अपने नाम के अनुरूप भारतीय सेना (Indian Army) का सैनिक बनकर देश की सेवा करना चाहते थे. इसके लिए 2 बार कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हुए. तभी पढ़ाई के लिए यूक्रेन (Ukraine) चले गये. इसी दौरान वहां रूस (Russia) ने हमला कर दिया और सैनिकेश की सैनिक बनने की मुराद पूरी हो गई. वह अब यूक्रेन की सेना में शामिल होकर रूस के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं. हालांकि सैनिकेश की कहानी सिर्फ इतनी नहीं है. और भी है, पूरी दिलचस्प.
माता-पिता को खुफिया ब्यूरो के अधिकारियों से पता चला
सैनिकेश के माता-पिता को शुरू में पता नहीं था कि उनका बेटा यूक्रेन की सेना (Ukraine Army) में शामिल हो चुका है. लेकिन अभी कुछ रोज पहले जब खुफिया ब्यूरो (IB) के अधिकारी उनके घर आए और उनसे सैनिकेश के बारे में पूछताछ की, तब उन्हें इस बारे में पता चला. समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में सैनिकेश के पिता रविचंद्रन कहते हैं, ‘खबर सुनने के बाद हम बुरी तरह घबराए हुए हैं. हम भारत सरकार (Indian Govt) से आग्रह करते हैं कि वह हमारे बेटे को वापस स्वदेश लाने का इंतजाम करे. वह भारत लौटने की हमारी बात सुन ही नहीं रहा है. हालांकि उसने कुछ दिन पहले हमें यह जरूर बताया था कि वह पूरी तरफ सुरक्षित है.’
एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने यूक्रेन गया था
रविचंद्रन बताते हैं, ‘हमने बेटे को एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए यूक्रेन (Ukraine) भेजा था. उसकी 5 साल की पढ़ाई पूरी होने वाली ही थी. रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) शुरू होने से कुछ दिन पहले उसने फोन पर बताया था कि उसे वहीं एक वीडियो गेम बनाने वाली कंपनी में नौकरी मिल गई है. लेकिन हमें क्या पता था कि वह वहां सेना में शामिल हो जाएगा. हमें अब तो बड़ी चिंता हो रही है.’ ‘द न्यू इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक, सैनिकेश इस वक्त यूक्रेन की जॉर्जियन नेशनल लीजन पैरामिलिट्री फोर्स की तरफ से रूसी सेनाओं से मुकाबला कर रहा है.