कीव. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की (Volodymyr Zelensky) ने यूक्रेन पर नो-फ्लाई ज़ोन (Ukraine No Fly Zone) स्थापित करने के मकसद से पश्चिमी देशों को मनाने के लिए देश के दक्षिणी शहर इनेरहोदर में स्थित यूरोप के सबसे बड़े जापोरिजिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र (एनपीपी) पर हमले के लिए उकसावे का इस्तेमाल करने का प्रयास किया था. यूक्रेन के पूर्व प्रधानमंत्री मायकोला अजारोव (Mykola Azarov) ने स्पुतनिक से बातचीत के दौरान जेलेंस्की पर यह सनसनीखेज आरोप लगाया.
दरअसल, रूसी सैनिकों ने यूरोप के सबसे बड़े परमाणु संयंत्र पर हमले के बाद कब्जा कर लिया. इस हमले के दौरान वहां पर आग लग गई थी जिसको लेकर पूरी दुनिया में कुछ समय के लिए परमाणु विकिरण से तबाही होने की चिंता बढ़ गई थी. हालांकि, संयुक्त राष्ट्र और यूक्रेन के अधिकारियों ने विज्ञप्ति जारी कर बताया कि शुक्रवार के हमले के बाद दमकल कर्मियों ने आग को बुझा दिया है और कोई विकिरण नहीं हुआ है.
कैसे रूसी सेना को यूक्रेन ने हमले के लिए भड़काया
शुक्रवार को रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यूक्रेन के अधिकारियों ने रूस पर जापोरिजिया परमाणु संयंत्र में रेडियोधर्मी विकिरण का स्रोत बनाने का आरोप लगाकर रात भर उन्हें भड़काने की कोशिश की. स्टेशन से सटे क्षेत्र में गश्त करते समय, रूसी नेशनल गार्ड के एक समूह पर यूक्रेन के एक हमलावर दस्ते द्वारा हमला किया गया था. यूक्रेनी दस्ते ने एनपीपी के बाहर स्थित एक शैक्षिक और प्रशिक्षण परिसर की कई मंजिलों की खिड़कियों से रूसी सैनिकों पर गोलियां चलाई थीं. यूक्रेनी दस्ते के फायरिंग पॉइंट वहां लगी आग की वजह से नजर नहीं आ रहे थे.
‘न्यूक्लियर प्लांट पर हमले के लिए जानबूझकर रूस को उकसाया गया’
अजारोव कहा, “बेशक, जानबूझकर रूस को हमले के लिए उकसाया गया था क्योंकि सबसे पहले, कोई भी समझदार रूसी या यूक्रेनी सैनिक कभी भी यूरोप के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र के क्षेत्र में इस तरह के उकसावे को अंजाम देने की हिम्मत नहीं करेगा, जिसमें छह परमाणु ऊर्जा इकाइयां हैं.” उन्होंने कहा कि “यहां तक कि प्रशिक्षण और पुनर्प्रशिक्षण केंद्र में एक मामूली आग भी इस तरह की एक सुपर-कैटेगरी के परमाणु संयंत्र में एक आपातकालीन हालात पैदा करने में सक्षम है.”
परमाणु संयंत्र में आग के लिए US ने रूस को ठहराया जिम्मेदार, IAEA ने भी कही बड़ी बात
अजारोव ने आगे कहा, “तो, सबसे पहले, यह साफ जाहिर है कि परमाणु संयंत्र पर हमला एक सोच-समझकर उकसावे वाली कार्रवाई थी. दूसरा, हमले के तुरंत बाद जेलेंस्की द्वारा अमेरिका और ब्रिटेन को गलत जानकारी के साथ संदेश देना दिखाता है कि वे रूस को भड़काने के लिए एकदम तैयार बैठे थे, जिसके बारे में उन्हें पता था क्योंकि उन्होंने इस उकसावे का इस्तेमाल यूक्रेन पर नो-फ्लाई ज़ोन बनाने के लिए किया था.”
इस हमले ने दुनिया की चिंता बढ़ा दी और आशंका पैदा हो गई कि वर्ष 1986 में हुए चर्नोबिल हादसे से भी बड़ी आपदा पैदा हो सकती है. शुक्रवार रात को एक भावुक भाषण में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा कि उन्हें आशंका है कि धमाका ‘सभी का खात्मा कर सकता है. यूरोप को खत्म कर सकता है. यूरोप को खाली कर सकता है.’
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