जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज (Geojit Financial Services) के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ‘यूक्रेन और रूस के बीच छिड़ी जंग (Ukraine Russia War) से उपजी अनिश्चितता और कच्चे तेल (Crude Oil) के दाम में आई तेजी ने कारोबारी धारणा को प्रभावित किया है।” इसके अलावा एफपीआई डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोर होती स्थिति को देखते हुए डेट फंड में भी बिकवाल बने हुए हैं।
यह भी है वजह
मॉर्निंगस्टार इंडिया (Morningstar India) के शोध प्रबंधक एवं एसोसिएट निदेशक हिमांशु श्रीवास्तव का कहना है कि इस पैमाने पर भू-राजनीतिक तनाव पैदा होना भारत जैसी विकासशील अर्थव्यवस्था के लिए विदेशी मुद्रा प्रवाह के नजरिये से अच्छा नहीं है। उन्होंने कहा कि भारतीय इक्विटी बाजारों के उच्च मूल्यांकन के साथ कंपनियों की आय से जुड़े जोखिम और आर्थिक वृद्धि की सुस्त पड़ती रफ्तार ने विदेशी निवेशकों को भारतीय स्टॉक बाजार में खुलकर निवेश करने से रोकने का काम किया है।
अन्य विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में आ रहा निवेश
कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड (Kotak Securities Limited) के इक्विटी शोध (खुदरा) प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा, ‘भारत को छोड़कर अन्य विकासशील बाजारों में एफपीआई प्रवाह फरवरी के महीने में सकारात्मक रहा। इंडोनेशिया में 1,22 करोड़ डॉलर, फिलीपींस में 14.1 करोड़ डॉलर, दक्षिण कोरिया में 41.8 करोड़ डॉलर और थाईलैंड में 193.1 करोड़ डॉलर का एफपीआई निवेश आया।’ उन्होंने कहा कि आने वाले समय में यूक्रेन पर रूस के हमले और उसकी वजह से लगने वाली पाबंदियों के साथ ही मुद्रास्फीति बढ़ने और फेडरल रिजर्व द्वारा नीतिगत ब्याज दर में बढ़ोतरी किए जाने से एफपीआई प्रवाह अस्थिर रहने की आशंका है।
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