
पुलवामा में बीते गुरुवार को हुए आतंकवादी हमले में 40 सीआरपीएफ जवानों के शहीद होने की घटना को आधार बनाते हुए शिवसेना एमएलसी चाहती है कि भारत के अन्य हिस्सों में रहने वाले लोग दो साल के लिए जम्मू और कश्मीर में पर्यटन का बहिष्कार करें. हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के अनुसार शिवसेना की विधायक और प्रवक्ता मनीषा कयांडे ने कहा-जम्मू-कश्मीर में पर्यटन का बहिष्कार करे जहां युवा, महिलाएं और बच्चे सुरक्षा बलों पर पथराव करते हैं. ये उत्तरी राज्य के आर्थिक संसाधनों को नुकसान पहुंचाएगा.
पर्यटन से स्थानीय लोगों को लाभ होता है
बीते शनिवार को जारी बयान में उन्होंने कहा कि भारतीय जवानों को निशाना बनाकर राज्य को टेंटरहूक (tenterhook) पर रखने की मानसिकता का मुकाबला करना समय की जरूरत है. मनीषा कयांडे ने कहा- जम्मू और कश्मीर एक सुंदर राज्य है, जो दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करता है. पर्यटन से स्थानीय लोगों को लाभ होता है. यदि अर्जित किए गए इन संसाधनों का उपयोग देश और सुरक्षा बलों के खिलाफ किया जाता है, तो भारतीयों को अगले दो वर्षों तक राज्य में पर्यटन का बहिष्कार करना चाहिए.
शिवसेना नेता ने सभी चीनी सामानों के बहिष्कार की मांग की
उन्होंने आगे कहा-जब भी आतंकवादियों और सुरक्षा एजेंसियों के बीच मुठभेड़ होती है, तो स्थानीय लोग आतंकवादियों को दूर भगाने में मदद के लिए जवानों पर पथराव करते हैं. शिवसेना नेता ने सभी चीनी सामानों के बहिष्कार की मांग करते हुए कहा कि वह देश पाकिस्तान का समर्थन कर रहा है, जो भारत में भी उपद्रव करता है. बता दें कि चीन ने बीते शुक्रवार को जैश के आत्मघाती हमलावर द्वारा किए गए पुलवामा आतंकी हमले की निंदा की थी. लेकिन संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकवादी के रूप में पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह के प्रमुख मसूद अजहर को सूचीबद्ध करने की भारत की अपील को खारिज कर दिया था.