Auto Industry: इस बिजनेस में महिलाएं दे रही बराबरी की टक्कर, डिजाइन से लेकर निर्माण तक में आगे

नई दिल्ली. ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री (Automobile Industry) को आमतौर पर पुरुषों की दुनिया के रूप में देखा जाता है. लेकिन ऐसी कई महिलाएं हैं जिन्होंने वाहन जगत में न सिर्फ अपनी जगह बना है, बल्कि कई मामलों में पुरुषों को टक्कर दे रही हैं. इसका असर गाड़ियों के उत्पादन से लेकर बिक्री तक पर देखा जा सकता है. हम ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में महिलाओं की भूमिकाओं के बारे में बता रहे हैं.

क्रुक्स स्टूडियो की निदेशक रामकृपा अनंतन एक ऐसी ही महिला है, जिन्होंने लास्ट-माइल कनेक्टिविटी के लिए अपसाइकल सामग्री (ऐसी सामग्री जिसे फिर से उपयोग किया जा सके) का उपयोग करके एक कॉन्सेप्ट इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाया है. वहीं, महुआ आचार्य और सुमन मिश्रा ने भी रूढ़ियों को तोड़कर ऑटो उद्योग में उत्पादक भूमिकाओं में खुद को स्थापित किया है. सुलज्जा फिरोदिया मोटवानी, मल्लिका श्रीनिवासन, आरती कृष्णा और अंजलि सिंह ने भी अपने-अपने ऑटो-संबंधित पारिवारिक व्यवसायों में आगे बढ़ रही हैं.

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ऑटोमोटिव डिजाइन में महिलाओं के लिए करियर
ऑटोमोबाइल असेंबली, मैन्युफैक्चरिंग, डिजाइनिंग और लीडरशिप की पुरुष-प्रधान दुनिया में फिलहाल महिलाएं आगे बढ़ रही हैं. अब निर्माताओं को भी यह एहसास हो गया है कि महिलाएं से रचनात्मक उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है. इस बारे में रामकृपा अनंतन कहती हैं कि भविष्य में ऑटोनॉमस, कनेक्टेड, इलेक्ट्रिक और शेयर्ड मोबिलिटी के मेगा ट्रेंड्स को ध्यान में रखते हुए बहुत सारे ऑटोमोटिव डिजाइन UI/UX (यूजर इंटरफेस/यूजर एक्सपीरियंस) पर केंद्रित होंगे. इससे ज्यादा महिलाएं ऑटोमोटिव डिजाइन में अपना करियर बनाने पर विचार करेंगी.

EV इंडस्ट्री में महिलाएं
ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन की पूर्व निदेशक और अब एसएई इंडिया की अध्यक्ष रश्मि उर्ध्वारशे कहती हैं कि इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री महिलाओं के लिए काफी सहज है, क्योंकि महिलाएं डेटा एनालिसिस, सिमुलेशन, सत्यापन, गतिशीलता में बड़ी भूमिका निभा सकती हैं. काइनेटिक ग्रीन की संस्थापक और सीईओ सुलज्जा फिरोदिया मोटवानी कहती हैं कि मोबिलिटी और ऑटोमोबाइल अब इलेक्ट्रॉनिक्स और सॉफ्टवेयर के बारे में अधिक हैं और यह महिलाओं के लिए नए अवसर पैदा कर रहा है. कई ईवी कारखाने अब महिलाओं द्वारा संचालित हैं. मोटर और नियंत्रक जैसे ईवी घटक भी इलेक्ट्रॉनिक्स-आधारित हैं, जहां महिलाएं न केवल आरएंडडी बल्कि वास्तविक असेंबली और निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं.

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चुनौतियां
ऑटो इंडस्ट्री बड़े पैमाने पर कई चुनौतियों का सामना कर रही है. सुंदरम फास्टनरो की एमडी आरती कृष्णा ने कहा, “हमें अधिक कुशल लोगों, बेहतर बुनियादी ढांचे और विनिर्माण क्षेत्र में अधिक निवेश की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि सुंदरम पास्टनरो महिला बोस को अपनाया और मुझे आगे बढ़ाने में दद की. पहले यहां पुरुष प्रधान वातारण था. वह कहती हैं कि ऑटोमोटिव मैन्युफैक्चरिंग हमेशा से पुरुषों की दुनिया रही है.

Tags: Auto News, Autofocus, Woman

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