Russia Ukraine War Vladimir Putin Deputat Dr Abhay Kumar Singh

मॉस्को. रूस (Russia) के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) की पार्टी में शामिल भारतवंशी डॉक्टर अभय कुमार सिंह (Abhay Kumar Singh) ने यूक्रेन पर हमले को जायज ठहराया है. इस दौरान उन्होंने मौजूदा हालात की तुलना भारत और चीन की स्थिति से भी की. खास बात है कि सिंह पुतिन की यूनाइटेड रशिया पार्टी से डेप्युटेट (भारत में विधायक के बराबर) हैं. रूस ने मंगलवार को यूक्रेन के घनी आबादी वाले शहरों में हमले तेज कर दिए हैं.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, सिंह यूक्रेन के खिलाफ रूस की कार्रवाई के पक्ष में सामने आए हैं. उन्होंने दावा किया है कि युद्ध का फैसला लिए जाने से पहले यूक्रेन को बातचीत के कई मौके दिए गए थे. उन्होंने स्थिति को लेकर भारत का भी जिक्र किया और कहा कि कैसा होगा अगर चीन, बांग्लादेश में अपना सैन्य बेस स्थापित कर रहा हो. इंडिया टुडे से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘अगर यूक्रेन नाटो में शामिल होता है, तो नाटो बल हमारे नजदीक आ जाएंगे, क्योंकि यूक्रेन हमारा पड़ोसी देश है और यह समझौते का उल्लंघन होगा.’

सिंह ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति और संसद के पास यूक्रेन के खिलाफ युद्ध छेड़ने के अलावा कोई भी रास्ता नहीं था. हालांकि, इस दौरान उन्होंने यूक्रेन के खिलाफ न्यूक्लियर हमले की बात से इनकार किया है. उन्होंने कहा है कि पुतिन ने घोषणा की है कि न्यूक्लियर ड्रिल्स केवल उस स्थिति के लिए की जा रहीं थी कि अगर कोई दूसरा देश रूस पर हमला करे और उसे जवाब देना पड़े.

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कौन हैं डॉक्टर अभय कुमार सिंह
सिंह का जन्म बिहार के पटना में हुआ था. वे साल 1991 में मेडिसिन की पढ़ाई के लिए रूस चले गए थे. इसके बाद वे भारत आए और डॉक्टर के रूप में प्रैक्टिस की, लेकिन बाद में उन्होंने दोबारा रूस का रुख किया और जल्द ही फार्मास्यूटिकल्स का व्यापार शुरू कर दिया. उन्होंने साल 2015 में पुतिन की पार्टी की सदस्यता ली और 2018 में कुर्स्क से प्रांतीय चुनाव जीता.

बाइडन ने भी घेरा
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपने पहले ‘स्टेट ऑफ द यूनियन’ संबोधन में अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन पर यूक्रेन के खिलाफ ‘पूर्व नियोजित तथा अकारण’ युद्ध छेड़ने का आरोप लगाया और कहा कि अमेरिका उनके द्वारा पेश की गईं चुनौतियों का सामना करने को तैयार है. बाइडन ने कहा, ‘अपने पूरे इतिहास से हमने यह सबक सीखा है कि जब तानाशाह को अपनी आक्रामकता की कीमत नहीं चुकानी पड़ती, तो वे और अधिक अराजकता फैलाने लगते हैं. वे आगे बढ़ते रहते हैं और अमेरिका तथा विश्व के लिए खतरा बढ़ता जाता है.’

पुतिन पर निशाना साधते हुए बाइडन ने कहा, ‘इसलिए द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) का गठन किया गया. अमेरिका सहित 29 अन्य देश इसके सदस्य हैं. अमेरिकी कूटनीति मायने रखती है.’

(भाषा इनपुट के साथ)

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