कीव. यूक्रेन के खिलाफ रूस (Ukraine War) के हमले लगातार छठे दिन जारी हैं. कीव और खरकीव में बमबारी हो रही है. इस बीच यूक्रेन में ओखतिर्का के मेयर ने चौंका देने वाला दावा किया है. उन्होंने रूस पर वैक्यूम बम (Vacuum Bomb) दागने का आरोप लगाया है. वैक्यूम बम न्यूक्लियर बम (Nuclear Bomb) के बाद सबसे ज्यादा खतरनाक होता है. इसे रूस ने इसे फादर ऑफ ऑल बम (Father of All Bomb) का भी नाम दिया है.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, युद्ध के पांचवें दिन रूस ने यूक्रेन के खिलाफ प्रतिबंधित थर्मोबैरिक हथियार (Thermobaric Weapon) का इस्तेमाल किया. ओखतिर्का के मेयर ने कहा कि रूस ने सोमवार को वैक्यूम बम का इस्तेमाल किया जो कि जेनेवा कंवेंशन के तहत प्रतिबंधित है. थर्मोबैरिक हथियारों में पारंपरिक गोला-बारूद का उपयोग नहीं होता है. ये एक उच्च-दाब वाले विस्फोटक से भरे होते हैं. ये शक्तिशाली विस्फोट करने के लिए आसपास के वातावरण से ऑक्सीजन सोखते हैं.
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सैन्य कार्रवाई शुरू करने वाले रूस के पास सभी बमों का ‘बाप’ है. ‘फादर ऑफ ऑल बम’ दुनिया का सबसे शक्तिशाली गैर-परमाणु बम है. आइए जानते हैं इस बम के बारे में…
रूस ने 2007 में विकसित किया था बमों का बाप
थर्मोबेरिक बम की गिनती दुनिया के सबसे घातक परमाणु हथियार में की जाती है. इसे रूस ने 2007 में विकसित किया था. 7100 किलो वजन वाले इस बम का इस्तेमाल करने पर यह रास्ते में आने वाली बिल्डिंग और इंसानों को तबाह कर देता है. इसे एयरोसॉल बम के नाम से भी जाना जाता है. पोर्ट्समाउथ यूनिवर्सिटी के पीटर ली का कहना है कि रूस ने इस वैक्यूम बम का इस्तेमाल 2016 में सीरिया पर किया था. यह बेहद खतरनाक बम है.
44 टन से अधिक टीएनटी के बराबर विस्फोट
रूस के पास जो बम है वह थर्मोबैरिक बम है. यह कई नामों से आता है. एरोसोल बम.. वैक्यूम बम या ईंधन-हवा विस्फोटक. यह एक सुपर-शक्तिशाली गैर-परमाणु बम है जिसमें 44 टन से अधिक टीएनटी के बराबर विस्फोट होता है.
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300 मीटर के दायरे में नुकसान पहुंचा सकता है
फादर ऑफ ऑल बम 300 मीटर के दायरे में नुकसान पहुंचा सकता है. यह विनाशकारी हथियार एक जेट से गिराया जाता है और इससे हवा के मध्य में विस्फोट होता है. यह हवा से ऑक्सीजन को बाहर खींचता है और एक छोटे परमाणु हथियार के समान असर पैदा करता है.
वातावरण में मौजूद ऑक्सीजन को बना देता है विस्फोटक
Vacuum Bomb रूस द्वारा विकसित एक नयी संकल्पना पर आधारित विस्फोटक हथियार है. यह शक्तिशाली बम परमाणु हथियारों के विपरीत पर्यावरण के लिए कोई खतरा पैदा नहीं करता. यह बम वातावरण में मौजूद हवा को ही विस्फोटक ईंधन के तौर पर इस्तेमाल कर सकता है.
बम को बनाने में अमेरिका का भी है हाथ
इस खतरनाक बम को तैयार करने के पीछे अमेरिका का सबसे बड़ा हाथ है. अमेरिका ने 2003 में ‘मदर ऑफ ऑल बम’ (Mother of all bomb) तैयार किया था, जिसका नाम GBU-43/B है. यह 11 टन TNT की ताकत वाला धमाका कर सकता है, जबकि रूसी बम 44 टन TNT की ताकत के साथ धमाका करने में सक्षम है. अमेरिका में तैयार हुए बम के जवाब में रूस ने ‘फादर ऑफ ऑल बम’ तैयार किया था.
वैक्यूम बम की शक्ति परमाणु हथियारों के बराबर!
इसे विमान से गिराने के साथ जमीन से भी छोड़ा जा सकता है. एक निर्धारित ऊंचाई तक ले जाने के बाद इस बम के ईंधन को बादलों पर आक्सीजन के साथ मिश्रित कर फैला दिया जाता है. इसके बाद इन बादलों में विस्फोट कराते ही इसके संपर्क में आने वाली चीजें या इमारतें नेस्तनाबूद हो जाती है. हवा में विस्फोट किए जाने वाले इस वैक्यूम बम की शक्ति परमाणु हथियारों के बराबर बतायी जा रही है. इसमें नैनोटेक्नालोजी इस्तेमाल की गयी है. इसके धमाके से रेडिएशन का खतरा नहीं होता है.
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