रांची. रुस और यूक्रेन के बीच जारी जंग में वहां फंसे भारतीय नागरिकों और छात्रों को ऑपरेशन गंगा (Operation Ganga) के तहत लगातार स्वदेश लाया जा रहा है. इस क्रम में मंगलवार की देर शाम केंद्र सरकार और झारखंड सरकार (Jharkhand Government) के प्रयास से यूक्रेन (Ukraine Crisis) में फंसे 17 लोग झारखंड पहुंचे. इनमें से चार छात्राएं और एक छात्र रांची के बिरसा मुंडा हवाई अड्डा (Ranchi Airport) पहुंचे. रांची पहुंचने पर इन छात्रों ने कहा कि उन्होंने यहां पहुंचने के बाद राहत की सांस ली है, और वो उस भयानक अनुभव को याद भी नहीं करना चाहते जो उन्हें पिछले कुछ दिनों में हुआ है.
मंगलवार को यूक्रेन से भारत आने के बाद रांची पहुंचने वाले स्टूडेंट्स के नाम अंकित कुमार, तृषा राणा, हाफीजा शम्सी, प्रिया प्रियंका और अमन तेजस्विनी है. इनमें से दो रांची जबकि एक-एक छात्र बोकारो, रामगढ़ और जमशेदपुर के हैं. उन्होंने कहा कि यूक्रेन में हालात बहुत गंभीर हैं और वो वहां लगातार हो रही बमबारी और गोलियां चलने का अनुभव बयां नहीं कर सकते.
अपनी परेशानी बताते हुए मेडिकल के द्वितीय वर्ष के एक छात्र ने कहा कि यूक्रेन में सभी जगह तनाव और डर है. किसी से कोई मदद न मिलने के बाद मैं एक एजेंट की मदद से यूक्रेन के साथ लगती रोमानिया सीमा पर पहुंचा. इस दौरान हमें पुलिसकर्मियों की लाठियां भी खानी पड़ीं. हालांकि, हमें वहां भारतीय दूतावास से मदद मिली और किसी तरह भारत पहुंच गए.
रांची हवाईअड्डे पर पहुंचने के बाद एक छात्रा अपनी मां से गले लगकर रो पड़ी. उसने कहा कि हमें वहां जो असहनीय अनुभव हुआ और जो दर्द हमने सहा है, मैं उसे याद नहीं करना चाहती.
बता दें कि राज्य सरकार के द्वारा संचालित कंट्रोल रूम से प्राप्त जानकारी के अनुसार, यूक्रेन में फंसे झारखंड के लोगों से लगातार संपर्क स्थापित कर उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की जा रही है. साथ ही केंद्र सरकार से लोगों को वापस लाने के लिए भी जानकारी साझा की जा रही है. (भाषा से इनपुट)
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