
आर्थिक तंगी झेल रहा पाकिस्तान (Pakistan) तगड़े सुरक्षा इंतजाम के बीच तैयार है सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (Mohammed Bin Salman) के स्वागत के लिए. जो कि पहली बार पाकिस्तान दौरे पर हैं. हालांकि उनके पहले दौरे को ही किन्ही कारणों से एक दिन के लिए टाल दिया गया था.
अपनी यात्रा को एक दिन के लिए टाले जाने पर पाकिस्तान के राजनीतिज्ञों के बीच यह बातचीत होने लगी थी की शायद क्राउन प्रिंस भारत और पाकिस्तान के बीच उठ रहे मौजूद विवाद के कारण यात्रा पूरी तरह से रद्द कर सकते हैं. भारत के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद से दोनों देशों के बीच काफी तनावपूर्ण माहौल है.
हालांकि शुक्रवार को पाकिस्तान के राजनीतिज्ञों और अधिकारियों को तब थोड़ा चैन मिला जब क्राउन प्रिंस ने रविवार को पाकिस्तान आने की बात कही. लेकिन उन्होंने अपनी यात्रा को एक दिन के लिए टाले जाने पर कोई सफाई नहीं दी. साथ ही उन्होंने अपने यात्रा के समय और मीटिंग्स में भी कोई कटौती नहीं की.
सऊदी अरब ने की थी पुलवामा हमले की निंदा
पुलवामा में CRPF के जवानों पर हुए आतंकी हमले के अगले दिन यानी शुक्रवार को सऊदी अरब ने बयान देते हुए इस हमले की निंदा की थी. साथ ही भारत के साथ आतंक के खिलाफ लड़ाई की बात कही थी. हालांकि अब वह पाकिस्तान के दौरे पर हैं. जिसे भारत इस हमले का जिम्मेदार ठहरा रहा है.
सऊदी प्रिंस पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के निमंत्रण पर वहां पहुंचे हैं. क्राउंस प्रिंस के स्वागत में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के घर पर गार्ड ऑफ ऑनर और रेड कार्पेट वेलकम की तैयारी कर ली गई हैं. आधिकारिक मीडिया के मुताबिक प्रिंस के स्वागत के लिए इमरान खान और उनकी कैबिनेट के मंत्री एयरपोर्ट पर पहुंचेंगे. सऊदी प्रिंस वरिष्ठ अधिकारियों, मंत्रियों और सऊदी रॉयल परिवार के सदस्यों के साथ पाकिस्तान पहुंच रहे हैं.
सऊदी ने पाकिस्तान को दिया था लोन
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल 2017 में क्राउन प्रिंस बनाए जाने के बाद मोहम्मद बिन सलमान पहली बार पाकिस्तान जा रहे हैं. इस यात्रा के दौरान क्राउन प्रिंस पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर बाजवा से भी मुलाकात करेंगे. इस दौरान पाकिस्तान और सऊदी कई समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे.
इमरान खान के सलाहकार के मुताबिक ट्रेड, तेल रिफायनरी को लेकर दोनों देशों को बीच खास समझौते होंगे. मालूम हो कि सऊदी ने हाल ही में नकदी का संकट झेल रहे पाकिस्तान को छह बिलियन डॉलर का लोन दिया था. जिससे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था काफी हद तक स्थिर हो गई थी.