फिल्ममेकर महेश मांजरेकर (Mahesh Manjrekar) इन दिनों अपनी एक मराठी फिल्म (Marathi film) को लेकर कानूनी पचड़े में फंसे हुए हैं. मामला बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) में हैं. हाल ही में महेश मांजरेकर को कोर्ट ने बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने मामले की सुनाई के बाद महेश माजरेकर और दो निर्माताओं के खिलाफ गिरफ्तारी जैसे किसी कठोर कदम पर रोक (Bombay HC grants Mahesh Manjrekar protection from arrest) लगा दी है.
विशेष अदालत के आदेश के बाद दर्ज हुई थी FIR
दरअसल, फिल्ममेकर महेश मांजरेकर (Mahesh Manjrekar) के खिलाफ माहिम पुलिस ने फरवरी में एक विशेष अदालत के आदेश के बाद एफआईआर दर्ज की थी. एनजीओ भारतीय स्त्री शक्ति की अध्यक्ष सीमा देशपांडे ने उनके खिलाफ शिकायत की थी. उन पर ये आरोप लगाए गए थे कि उन्होंने
मराठी फिल्म ‘नय वारनभात लोन्चा कोन नाय कोंचा (Nay Varan Bhat Loncha Kon Nay Koncha)’ में नाबालिग बच्चों पर अश्लील दृश्य फिल्माए हैं.
जांचकर्ताओं के साथ सहयोग का वादा
मामले के दर्ज होने के बाद महेश मांजरेकर और निर्माताओं ने जांचकर्ताओं के साथ सहयोग करने की बात कहकर कोर्ट में तीनों ने गिरफ्तारी या किसी भी कठोर कदम से अंतरिम सुरक्षा की मांग की थी.
POCSO एक्ट के तहत दर्ज हुआ था केस
पुलिस ने महेश मांजेरकर और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 292, 34, यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम (POCSO) की धारा 14 और आईटी एक्ट की धारा 67, 67B के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी.
फिल्म के ट्रेलर देख उठा था मुद्दा
जब फिल्म का ट्रेलर जारी किया गया था, तब राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की प्रमुख रेखा शर्मा ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय को एक पत्र लिखा था. पत्र में, एनसीडब्ल्यू प्रमुख ने ‘सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नाबालिगों को शामिल करने वाली यौन स्पष्ट सामग्री के खुले संचलन’ पर रोक लगाने का आह्वान किया, जिसमें कहा गया था कि महेश मांजरेकर फिल्म का ट्रेलर यौन रूप से स्पष्ट सामग्री दिखाता है और महिलाओं और नाबालिगों को आपत्तिजनक तरीके से दर्शाता है.
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