Audience enjoys lively discussion on ancient and contemporary Banaras, Jaipur News in Hindi

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Audience enjoys lively discussion on ancient and contemporary Banaras - Jaipur News in Hindi




जयपुर । आईएएस एसोसिएशन, राजस्थान द्वारा मंगलवार को आईएएस लिटरेरी सोसाइटी, राजस्थान के फेसबुक पेज पर एक जीवंत बुक टॉक का आयोजन किया गया। यह चर्चा लेखक और फिल्ममेकर नीलोश्री बिस्वास द्वारा लिखित पुस्तक ‘बनारस ऑफ गॉड्स, ह्यूमन एंड स्टोरीज’ पर आधारित थी। वे आईएएस लिटरेरी सचिव, आईएएस एसोसिएशन, राजस्थान और सचिव व आयुक्त, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, राजस्थान सरकार, मुग्धा सिन्हा के साथ बातचीत कर रही थीं। किताब में तस्वीरें इरफान नबी ने उपलब्ध कराई हैं। यह वार्ता पुस्तक की यात्रा, राजस्थान और बनारस के बीच जुड़ाव, शहर में महिलाओं का योगदान, बनारस में सह-अस्तित्व और शहर में गंगा नदी की भूमिका पर केंद्रित थी।

बिस्वास ने कहा कि ‘बनारसी-पान’ बनारस के महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है, जो बनारस आने वाले लोगों को बनारस से जोड़ देता है और वे बार-बार वापस बनारस आना चाहते हैं। लोग यहां के छोटी-छोटी सैर-सपाटे की जगहों से आकर्षित होना शुरू हो जाते हैं। जैसे कि वे अपने घरों से बाहर निकलते हैं, पास की चाय की दुकान पर जाते हैं और गपशप करते हैं। यहां लोग सबसे सांसारिक चीजों के बारे में बात करते हैं और जब तक वे घर लौटते हैं, उन्हें समय का ही ध्यान नहीं रहता। शाम के समय वे बनारस के घाटों पर जाते हैं, आराम करते हैं और बातचीत करते हैं। यहां ‘मंदिर की आरती’ या ‘नींबू चाय वाला’ की आवाज सुनाई देती है। बनारस के परिदृश्य के बारे में कुछ बहुत ही आकर्षक और विशिष्ट है।

बनारस और राजस्थान के संबंध के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि राजस्थान बनारस से गहराई से जुड़ा हुआ है। ‘कारीगरों’ से भरा शहर बनारस इतिहास में हमेशा से चहल-पहल वाले व्यापारिक केंद्रों में से एक रहा है। इस शहर में हमेशा शिल्प में रुचि रखने वाले संरक्षक थे और विभिन्न शासनों के कई कलाकारों ने इस शहर से शुरूआत की। विशेष रूप से आभूषण सेक्शन, बुनाई, मेटल का काम, जड़ाऊ और स्टोन सेटिंग में इसका एक बड़ा हिस्सा जयपुर और जोधपुर से था। राजस्थान के कई प्रमुख परिवारों ने वर्ष के निश्चित समय पर बनारस आना सुनिश्चित किया और इसे दूसरा प्रशासनिक स्थान बनाया। दोनों राज्यों के बीच धार्मिक, आध्यात्मिक, कार्यात्मक और वस्तु कला स्तरों पर निरंतर जुड़ाव रहा है।

उन्होंने आगे कहा कि गंगा बनारस का अभिन्न अंग है। इसे शहर से अलग नहीं किया जा सकता। घाट और नदी ने कई कलाकारों के कैनवास की शोभा बढ़ाई है, जिसमें ई.बी. हैवेल, ब्रिटिश और यूरोपीय वॉटर कलर पेंटर्स, जेम्स प्रिंसेप सहित अन्य शामिल हैं। गंगा का एक और पहलू यह है कि यही कारण है कि बनारस एक समृद्ध व्यापारिक केंद्र बन गया। यह हमेशा वाणिज्य का स्थान था। बनारस की पहचान का गंगा की मौजूदगी से गहरा नाता है।

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