ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, बोनस पाने वालों के लिए यह किसी आश्चर्य से कम नहीं था। कुछ इंजीनियर्स को लगभग 50,000 डॉलर (लगभग 37.35 लाख रुपये) से लेकर 180,000 डॉलर (लगभग 1.34 करोड़ रुपये) तक स्टॉक बोनस मिला। वहीं, कई इंजीनियरों ने लगभग 80,000 डॉलर (लगभग 59.76 लाख रुपये), 100,000 डॉलर (लगभग 74.71 लाख रुपये), और 120,000 डॉलर (लगभग 89.66 रुपये) की शेयर रकम हासिल की। स्टॉक बोनस पाने वाले कुछ लोगों ने यह जानकारी दी, लेकिन अपनी पहचान सार्वजनिक नहीं की। बताया जा रहा है कि मैनेजर्स की ओर से हाई परफॉर्म करने वालों को यह बोनस दिया गया है।
कंपनी ने इस मामले में कोई टिप्पणी करने से इनकार किया है। कैलिफोर्निया की सिलिकॉन वैली में कंपनियों के बीच टैलंट को लेकर जंग छिड़ी हुई है। फेसबुक के स्वामित्व वाली मेटा Meta ऐपल के लिए एक खतरे के रूप में उभर रही है। पिछले कुछ महीनों में मेटा ने ऐपल के लगभग 100 इंजीनियरों को काम पर रखा है। हालांकि ऐपल ने भी कुछ मेटा कर्मचारियों को अपनी ओर खींचा है।
दोनों कंपनियां अगले दो साल में कुछ कैटिगरीज में एक-दूसरे की कॉम्पिटिटर बन सकती हैं। इनमें प्रमुख रूप से ऑग्युमेन्टेड एंड वर्चुअल रिएलिटी हेडसेट और स्मार्टवॉच शामिल हैं। फेसबुक की मेटा भी इन प्रोडक्ट्स के साथ बाजार में उतरने की योजना बना रही है। इसीलिए दोनों कंपनियां एक-दूसरे को टैलंट को अपनी यहां ऑफर दे रही हैं।
बोनस पाने वाले लोगों का कहना है कि ऐपल की ओर से किया गया भुगतान उसके नॉर्मल कंपसेशन पैकेजेस का हिस्सा नहीं है। ऐपल कभी-कभी अपने कर्मचारियों को एडिशनल कैश बोनस देती है, लेकिन ताजा स्टॉक ग्रांट आश्चर्यजनक थी। ऐपल की डिविजनों के 10 से 20 प्रतिशत इंजीनियरों को यह बोनस मिला है। हालांकि बोनस प्रोग्राम ने कुछ इंजीनियरों को परेशान किया है। जिन्हें शेयर नहीं मिले, उनका मानना है कि सिलेक्शन में मनमानी की गई।
इस बीच, मेटा ने ऐपल की ऑग्मेन्टेड रिएलिटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर इंजीनियरिंग डिविजनों से इंजीनियरों को अपनी कंपनी में शामिल करने की कोशिशें तेज कर दी हैं।