नई दिल्ली. बेंगलुरु में 33 साल का एक ऑटोरिक्शा ड्राइवर कुमार आम दिनों की तरह ही निलामंगला (Nelamangala) की तरफ से जा रहे थे. रात के नौ बज रहा था, तभी उनकी नजर एक 11 साल की किशोरी पर पड़ी. उसके पास एक छोटा सा बैग था और वह केएसआरटीएस बस स्टैंड पर बदहबास सी इधर उधर कर रही थी. पहले तो कुमार ने सोचा को वह कोई स्थानीय लड़की है जो ट्यूशन पढ़कर घर जा रही है. लेकिन तुरंत ही उसे संदेह हुआ. उसने लड़की से पूछा कि कहां जाना है. लड़की ने कहा, अंकल आप मुझे आज रात के लिए कहीं भी किसी लॉज या होटल में छोड़ दो. कुमार का शक और तेज हो गया. इसके बाद जब पूछताछ की तो मामला और उलझ गया. अंत में अपनी सूझ-बूझ से ऑटो ड्राइवर ने लड़की को पुलिस के पास पहुंचाया जहां पता चला कि लड़की अपने घर से भाग कर आई है.
थाने में महिला पुलिस के पूछताछ के बाद सारी बातें समझ में आई. इसके बाद लड़की के पिता को बुलाया गया और उन्हें बेटी को सौंप दिया गया. लड़की के पिता ऑटो ड्राइवर से बेहद प्रभावित हुए और उनके घर पर जाकर उनका सम्मान किया.
जब कुमार को हुआ शक
यह मामला बेंगलुरु का है. जब 11 साल की लड़की बस स्टैंड पर भटक रही थी, तभी कुमार को शक हुआ. जब कुमार ने लड़की से माता पिता के बारे में पूछा तो लड़की ने कहा, मैं अनाथ हूं और मेरे चाचा-चाची ही मेरा ख्याल रखते हैं. लेकिन जब कुमार ने पूछा आपके चाचा-चाची कहां रहते हैं और क्या करते हैं तो उसने कोई सही जवाब नहीं दिया. कुमार ने बताया कि मैं समझ गया कि लड़की घर से भाग कर आई हैं. मैंने अपनी पत्नी को फोन किया. मेरी पत्नी ने लड़की से बात की और उसे अपने घर आने के लिए मनाया. लेकिन जब मैंने अपने दोस्त नरसिम्हा मूर्ति से बात की तो उसने मुझे नजदीकी पुलिस स्टेशन में लड़की को ले जाने की सलाह दी.
पुलिस वालों ने पहले ऑटोड्राइवर को ही डांटा
कुमार ने बताया, जब मैं लड़की को लेकर थाने ले गया तो पुलिस वाले मुझे ही डांटने लगे. पुलिस वालों ने कहा हम तुमपर कैसे विश्वास करें. इसे लेकर इसके घर पहुंचा दो. इसके बाद मूर्ति ने जब थाने में फोन किया तब पुलिस ने लड़की को महिला पुलिस स्टेशन जाने के लिए कहा. यहां ऑटो ड्राइवर अपनी पत्नी के साथ लड़की को ले आया. इसके बाद महिला पुलिस कांस्टेबल ने मामले की तहकीकात की तो लड़की ने सारी बातें बता दी. लड़की ने कहा, मेरे माता-पिता अक्सर हमें डांटते रहते हैं. वे छोटी से छोटी बातों के लिए मुझे डांटते हैं. इसलिए मैं घर से भागकर चली आई. इसके बाद पुलिस ने लड़की के पिता से बात की. दो बजे रात में लड़की का पिता आया. अगले दिन लड़की और उसके पिता ऑटोड्राइवर के घर गए और उन्हें धन्यवाद कहा.
बेंगलुरु उत्तरपूर्व के डीसीपी अनूप सेट्ठी ने बताया, शहर में छोटी बच्चियों के घर से भागने की घटना बढ़ रही है. इसलिए स्कूल और कॉलेज में महिला पुलिस उनका काउंसेलिंग करेंगी. उन्होंने बताया कि एक लड़की को इसी तरह की घटना में ट्रैवल एजेंट ने शारीरिक शोषण किया. हमने उसे गिरफ्तार कर लिया. लेकिन हम इस तरह की घटना नहीं होने देने के लिए प्रतिबद्ध है. इसलिए हमने कांउसलिंग की व्यवस्था की है. हर पुरुष कुमार जैसा नहीं हो सकता.
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