Russia Ukraine Crisis: रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण दुनिया भर में संकट बढ़ता जा रहा है. रूस पर दुनिया भर के देश तमाम प्रतिबंध लगा रहे हैं. अब भारत के शीर्ष सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (State Bank of India (SBI) ने भी इस मामले में एक बड़ा कदम उठाया है. एसबीआई प्रतिबंधित रूसी संस्थाओं के साथ कोई भी लेनदेन नहीं करेगा. रॉयटर्स और इस मामले से जुड़े लोगों द्वारा देखे गए एक पत्र के आधार पर ये जानकारी दी गई है.
SBI इस मामले में अपने कुछ ग्राहकों को एक पत्र भेजा है. पत्र के मुताबिक, एसबीआई ने कहा है कि अमेरिका, यूरोपीय यूनियन या संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध सूची में शामिल “संस्थाओं, बैंकों, बंदरगाहों या जहाजों से जुड़े कोई भी लेनदेन” ट्रांजेक्शन की करेंसी के बावजूद पूरा नहीं किया जाएगा.
Bank की तरफ से कोई रिप्लाई नहीं
मनी कंट्रोल के मुताबिक, SBI ने इस मामले पर जानकारी मांगने वाले ईमेल या कॉल का तुरंत जवाब नहीं दिया. SBI के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हमारी एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय मौजूदगी है और उनके न्यायाधिकार क्षेत्र में आने की वजह से हमें अमेरिका और यूरोपीय संघ के नियमों का पालन करने की आवश्यकता है. हमें इन नियमों का पालन नहीं करने वाले के रूप में नहीं देखा जा सकता है.”
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यूक्रेन पर किया गया आक्रमण, जिसे मास्को एक “विशेष अभियान” कहता है. यह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से किसी यूरोपीय राज्य पर सबसे बड़ा हमला है. इसके बाद इसकी व्यापक निंदा और प्रतिबंधों की एक श्रृंखला शुरू की गई थी.
“अतिरिक्त सावधानी” बरतने का आग्रह
रूस के साथ गहरे व्यापार और रक्षा संबंध रखने वाले भारत ने अब तक सार्वजनिक रूप से अपने लंबे समय से सहयोगी रहे रूस की निंदा नहीं की है. लेकिन भारत ने हिंसा को समाप्त करने और संघर्ष को हल करने के लिए कूटनीति और बातचीत किये जाने का आह्वान किया है. SBI ने ग्राहकों को लिखे पत्र में प्रतिबंधित देशों से संबंधित किसी भी लेनदेन के दौरान “अतिरिक्त सावधानी” बरतने का भी आग्रह किया. कई प्रमुख भारतीय कॉरपोरेट घरानों के इस सरकारी बैंक के साथ गहरे संबंध हैं, जिनके पास विदेशी शाखाओं का एक बड़ा नेटवर्क है.
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भारत का रूस के साथ बड़ा कारोबार
एनर्जी इंडस्ट्री के दो वरिष्ठ सूत्रों के अनुसार SBI ने भारतीय तेल कंपनियों से रूसी एसेट्स में हिस्सेदारी, पिछले वर्ष रूस से प्राप्त धन और इन लेनदेन को रूट करने में शामिल लेंडर्स सहित रूस में उनके एक्सपोजर के बारे में जानकारी मांगी है.
वहीं भारत के शीर्ष रिफाइनर में से एक, इंडियन ऑयल कॉर्प (Indian Oil Corp) ने सोमवार को कहा कि वह अब इंश्योरेंस रिस्क के कारण Russian crude and Kazakh CPC Blend cargoes को फ्रीन ऑन बोर्ड (एफओबी) के आधार पर स्वीकार नहीं करेगा. दूसरी तरफ तेल कंपनियों के अलावा, भारतीय उर्वरक कंपनियां भी रूस के साथ फसल पोषक तत्वों के आयात के लिए बड़े पैमाने पर कारोबार करती हैं.
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