स्को. रूस (Russia) -यूक्रेन (Ukraine) वार्ता के दूसरे दौर की बैठक 2 मार्च को योजना बनाई गई है, रूस की टीएएसएस समाचार एजेंसी ने मंगलवार को रूसी पक्ष के एक सूत्र के हवाले से यह जानकारी दी. सोमवार को हुई पहले दौर की बातचीत के बाद कोई ठोस परिणाम नहीं निकला था. पक्षों ने कहा था कि वे आने वाले दिनों में फिर मिलेंगे. जंग को रोकने के लिए दोनों मुल्कों के बीच बेलारूस (Belarus) में सोमवार को 3:30 घंटे तक चली मीटिंग में दोनों देश एकमत नहीं हो पाए और मीटिंग खत्म हो गई थी. इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडमिर जेलेंस्की ने यूरोपीय यूनियन की सदस्यता के लिए साइन कर दिए.
वहीं, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के साथ समझौते के लिए 3 शर्तें रखी हैं. दूसरे दौर की वार्ता पोलैंड बेलारूस के बॉर्डर पर होगी. रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) के यूक्रेन के अलगवावादी बहुल वाले दो क्षेत्रों लुंहास्क और दोनेत्स्क (Luhansk and Donetsk) को अलग तौर पर मान्यता देने की घोषणा के बाद यूक्रेन संकट (Ukraine crisis) ज्यादा गहरा गया था. लुंहास्क और दोनेस्क दोनों क्षेत्र रूसी सीमा से सटे हैं और वहां रूसी सेना ने अलगाववादियों को मदद देने का भरोसा दिया है.
इस मसले पर रूस (Russia) किसी भी हाल में पीछे हटने को तैयार नहीं है. दूसरी तरफ अमेरिका (America) अपनी बादशाहत कायम रखने के लिए हर हाल में रूस को रोकना चाहता है. ऐसे में भारी संघर्ष की आशंका बनती दिख रही है.
ये भी पढ़ें : रूस और यूक्रेन युद्ध को लेकर क्यों फूंक-फूंककर कदम उठा रहा है भारत? ये रहे 5 बड़े कारण
क्या चाहते हैं पुतिन
रूस शुरू से ही यूक्रेन के नाटो या यूरोपीय संघ में प्रवेश का विरोध करता है. रूस की प्रमुख मांग है कि हर हाल में पश्चिम के देश उसे गारंटी दे कि वे यूक्रेन को नाटो में शामिल नहीं करेंगे. यूक्रेन यूरोपीय संघ, नाटो और रूस तीनों की सीमा से जुड़ा हुआ है. अगर यूक्रेन नाटो का सदस्य हो गया तो अमेरिकी सेना यूक्रेन में प्रवेश कर रूस के लिए सीधी चुनौती बनेगी.
पुतिन ने रखी है ऐसी मांग
पुतिन तीन मांगों पर अड़े हुए हैं. पहला यूक्रेन के कभी भी नाटो में प्रवेश न करने की वैधानिक बाध्यता हो. पुतिन की दूसरी मांग है 1997 के बाद से जितने भी देश नाटो में शामिल हुए हैं, उन देशों से नाटो की सैनिकों की वापसी हो. रूसी सीमा पर भी कोई भी नाटो सैनिक दिखाई न दे. इसके अलावा नाटो यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति न करें. 2015 में हुए मिंश्क समझौते के क्रियान्वय पर भी पुतिन जोर दे रहा है. हालांकि यूक्रेन के दो क्षेत्रों को मान्यता देने के बाद अब इस मांग का कोई औचित्य नहीं रह गया है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
Tags: Russia, Ukraine