
जम्मू कश्मीर के राजौरी के नौशेरा सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास माइन्स डिफ्यूज करने के दौरान विस्फोट में शहीद हुए मेजर चित्रेश बिष्ट का पार्थिव शरीर रविवार को देहरादून लाया गया. मेजर बिष्ट का पार्थिव शरीर सेना के विमान में जौलीग्रांट हवाई अड्डे लाया गया जहां से उसे सैन्य अस्पताल देहरादून ले जाया गया. पार्थिव शरीर को सोमवार तक अस्पताल में रखा जाएगा इसके बाद उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
शनिवार को एक रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि 31 वर्षीय मेजर बिष्ट उस बम निरोधक दस्ते का नेतृत्व कर रहे थे जिसे नौशेरा सेक्टर में माइन्स होने का पता चलने पर दोपहर तीन बजे उसे डिफ्यूज करने की जिम्मेदारी दी गई थी. उन्होंने बताया कि दस्ते ने एक माइन को सफलतापूर्वक डिफ्यूज कर दिया लेकिन दूसरी माइन डिफ्यूज करने के दौरान वह एक्टिवेट हो गया और फिर विस्फोट में मेजर बिष्ट शहीद हो गया.
सात मार्च को होनी थी मेजर बिष्ट की शादी
बिष्ट के नेहरु कालोनी स्थित घर पर उनके परिवार के सदस्य इस महीने के आखिर में उनके आने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. बिष्ट की सात मार्च को शादी होने वाली थी और वह 28 फरवरी को छुट्टी पर घर आने वाले थे. उनकी शहादत की खबर सुनने के बाद कई राजनेता परिवार को दिलासा देने के लिए आए.
साथ ही राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एक ट्वीट में कहा, ‘मैं देश की सेवा में मेजर बिष्ट के सर्वोच्च बलिदान को सलाम करता हूं और शहीद के परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं. पूरा देश दुख की इस घड़ी में उनके साथ खड़ा है.