बेंगलुरु. हिजाब मामले (hijab controversy) की सुनवाई कर रहे कर्नाटक उच्च न्यायालय (Karnataka High Court) के तीन न्यायाधीशों में से एक के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के संबंध में फेसबुक (Facebook) पेज ‘मैंगलोर मुस्लिम’ के एडमिन और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. बेंगलुरु दक्षिण संभाग की साइबर अपराध शाखा ने 23 फरवरी को बेंगलुरु निवासी अतीक शरीफ और ‘मैंगलोर मुस्लिम’ के एडमिन के खिलाफ मामला दर्ज किया.
शिकायत में कहा गया है कि अतीक शरीफ ने 12 फरवरी को एक न्यायाधीश के खिलाफ अपमानजनक सामग्री पोस्ट की थी, जिसमें उनकी साख और ईमानदारी पर सवाल उठाया गया था. पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि न्यायाधीश के खिलाफ इस पोस्ट को पसंद करने वालों पर भी दंडात्मक कार्रवाई हो सकती है. यह घटना ऐसे समय हुई जब उन्हीं न्यायाधीश के खिलाफ कन्नड़ अभिनेता चेतन कुमार अहिंसा ने अपमानजनक टिप्पणी की थी जिन्हें गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था.
हिजाब मामले की सुनवाई के लिए विशेष रूप से गठित तीन-न्यायाधीशों की पीठ में मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रितु राज अवस्थी, न्यायमूर्ति जेएम खाजी और न्यायमूर्ति कृष्णा एस दीक्षित शामिल हैं. गौरतलब है कि हिजाब विवाद की शुरुआत दिसंबर के आखिर में कर्नाटक के तटीय जिले उडुपी से हुई. जहां 06 छात्राओं ने क्लास में बगैर हिजाब उतारे पढ़ने से मना कर दिया. ये एक प्री यूनिवर्सिटी गर्वनमेंट कॉेलज में दूसरे वर्ष की छात्राएं हैं. इनसे पहले स्कूल मैनेजमेंट और फिर जिलास्तरीय शिक्षा विभाग ने जब हिजाब उतार कर क्लास में बैठने को कहा तो उन्होंने इसे धार्मिक मामला बताते हुए इनकार कर दिया.
इसके बाद जब उन छात्राओं पर ऐसा नहीं करने और स्कूल यूनिफॉर्म को लेकर दबाव डाला गया तो उन्होंने विरोध प्रदर्शन किया. आपने जगह जगह 05 छात्राओं को ये पोस्टर लिए खड़े देखा होगा, जिसमें लिखा था कि हिजाब पहनना उनका अधिकार है. दरअसल जिस स्कूल में छात्राएं हिजाब नहीं उतारने पर डटी हुईं थीं, वो को-एड नहीं बल्कि केवल महिलाओं का ही है. लिहाजा स्कूल प्रशासन का तर्क उचित लगता है कि केवल पढ़ते समय हिजाब उतारने में कोई हर्ज नहीं है, खासकर इसलिए भी क्योंकि ये स्कूल केवल छात्राओं का है.
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