नई दिल्ली. Fiscal Deficit : भारत का राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) अप्रैल, 2021 से जनवरी, 2022 के बीच बढ़कर वित्त वर्ष 22 के लक्ष्य का 58.9 फीसदी हो गया है. कंट्रोलर जनरल ऑफ अकाउंट्स द्वारा 28 फरवरी को जारी आंकड़ों में यह बात सामने आई है. अप्रैल-दिसंबर, 2021 में फिस्कल डेफिसिट पूरे साल के टारगेट का 50.4 फीसदी रहा था.
सरकार के फाइनेंसेज से जुड़े ताजा आंकड़े बजट, 2022-23 के बाद आए हैं, जिसमें केंद्र सरकार ने कहा था कि उसका फिस्कल डेफिसिट ग्रॉस डॉमेस्टिक प्रोडक्ट (GDP) के 6.8 फीसदी के लक्ष्य की तुलना में 10 बेसिस प्वाइंट ज्यादा रहेगा.
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हालांकि, 6.9 फीसदी के बावजूद चालू वित्त वर्ष में फिस्कल डेफिसिट बीते साल की तुलना में खासा बेहतर स्थिति में होगा, जब डेफिसिट बढ़कर 9.2 फीसदी हो गया था. इसकी मुख्य वजह सरकार द्वारा महामारी की मार से लड़ने के लिए खर्च में बढ़ोतरी करना रही और साथ ही कोरोना वायरस के चलते आर्थिक गतिविधियां थमने की वजह से सरकार के रेवेन्यू को भी तगड़ा झटका लगा था.
बढ़ाकर 18.49 लाख करोड़ किया था फिस्कल डेफिसिट
इस साल सरकार के फाइनेंसेज बेहतर स्थिति में रहे हैं. वित्त वर्ष 21 के पहले 10 महीनों में फिस्कल डेफिसिट पूरे साल के रिवाइज्ड टारगेट का 66.8 फीसदा रहा था. बजट, 2021 में वित्त वर्ष 21 के लिए फिस्कल डेफिसिट के टारगेट को 7.96 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 18.49 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया. सरकार ने महामारी में हुए खर्च और रेवेन्यू में कमी को देखते हुए यह फैसला किया था.
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जनवरी, 2022 में केंद्र ने 1.79 लाख करोड़ रुपये का फिस्कल डेफिसिट दर्ज किया, जो बीते साल समान महीने की तुलना में दोगुने से ज्यादा था. जनवरी, 2022 में फिस्कल डेफिसिट बढ़ोतरी की मुख्य वजह प्राप्तियों में 32.1 फीसदी की गिरावट और खर्च में 21.6 फीसदी की बढ़ोतरी रही.
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