इस फूल ने बदली किसानों की किस्मत! आप भी हर महीने कर सकते हैं 1.5 लाख तक की कमाई

नई दिल्ली. गुजरात सरकार का फ्लोरीकल्चर (फूलों की खेती) राज्य सरकार के लिए एक पंथ, दो काज वाली बात चरितार्थ करता नजर आ रहा है. गुजरात सरकार (Government of Gujrat) की इस पहल से यहां के किसानों की कमाई में 10 गुना इजाफा तो हुआ ही है, साथ में यह कामगारों के बच्चों को शिक्षा देने में मदद कर रहा है. पूर्वी गुजरात के दाहोद जिले के अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोग पहले छोटे शहरों में श्रमिकों के तौर पर काम करते थे, लेकिन अब वे गुलाब और गेंदे के फूलों की खेती (Floriculture) करते हैं. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इससे उनकी कमाई में 10 गुना से भी अधिक का इजाफा हुआ है.

फेस्टिव सीजन में 4 गुना कमाई

इस रिपोर्ट में दाहोद के किसान (गेसुबेन परमार) ने बताया है कि उनकी मौजूदा कमाई 1 से 1.5 लाख रुपए हो गई है जोकि उनके पहले की कमाई से 10 गुना अधिक है. वे दो श्रमिकों को नौकरी भी देते हैं. गेसुबेन परमार बीते 6 साल से गुलाब की खेती करते हैं, जिसमें वे हर माह 20 से 30 हजार गुलाब तोड़ते हैं. नॉर्मल समय में उन्हें एक गुलाब के लिए 20 पैसे मिलता है. ज​बकि, वेंडर्स द्वारा ग्राहकों को यह 10 रुपए में बेचा जाता है. नवरात्रि, दिवाली और गणेश पूजा जैसे त्योहारों में इसका भाव 20 से 40 रुपए तक ​होता है.

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बच्चों को शिक्षा देने में सक्षम हो रहे किसान
गुलाब और गेंदे के फूल की इस खेती से होने वाली कमाई की मदद से किसान अपने बच्चों को स्कूल भेजने में सक्षम हुए हैं. इसमें से अधिकतर पहले जेनरेशन के स्कूली बच्चे हैं. इस रिपोर्ट में पटेलिया आदिवासी कम्युनिटी के 56 वर्षीय एक शख्स ने बताया है कि वे और उनकी पत्नी कभी स्कूल नहीं जा सके थे. लेकिन, अब उनके बच्चों के बच्चे स्कूल जा रहे हैं. वे और उनके पति पहले काम की तलाश में एक जगह से दूसरी जगह घूमते रहते थे. अब उनके पास खुद का एक फार्म है.

गुजरात सरकार की पहल से फायदा

यहां पर एक तिहाई से भी अधिक कामगार फूलों की खेती करने लगे हैं. कम्बोई में 300 घरों में से करीब 100 परिवार अब पारंपरिक खेती की जगह गुलाब और गेंदे के फूल की खेती कर रहे हैं. गुजरात सरकार ने इन किसानों को होर्टिकल्चर विभाग से 30,000 रुपये की सब्सिडी दिलाकर फूलों की खेती करने की पहल की थी. इस सब्सिडी में खेतों को तैयार करना, बीज व पौधे लगाना शामिल है. इन किसानों को कृषि तकनीक प्रबंधन एजेंसी के अधिकारियों द्वारा ट्रेनिंग भी दी गई है.

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फूलों की खेती में कम जोखिम

हालांकि, फूलों की खेती इन किसानों को इसलिए भी भा रही है क्योंकि इसमें कम जमीन और पानी की कमी के बावजूद भी वे फूलों से कमाई कर पाते हैं. फूलों के लिए कम पानी में साल भर बेहतर फसल संभव हो पाती है. इससे किसानों को अधिक कमाई करने में मदद मिलती है.

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